सीकर की शान श्री प्रेम सिंह बाजोर || Shri Prem Singh Bajore
Shri Prem Singh Bajore भामाशाह & चाणक्य रूपक व्यक्तित्व
दिल से फ़क़ीर…जेब से शहज़ादा..
जो लोग मिट्टी की सौंधी महक को अपने मस्तक पर धारण कर उठते हैं वे आसमानी ऊंचाईयों को पाने पर भी जमीनी जुड़ाव नहीं छोड़ते हैं …..जो रिश्तों की तासीर को समझते हैं वो जाति सम्प्रदाय के बाड़ों में नहीं बंधते हैं…और जो अपनी जड़ों को ज़मीन पर बांधे रखते हैं वो अपनों को नहीं भूलते हैं…!!
जी हां ठीक पहचाना आपने..
Shri Prem Singh Bajore हम बात कर रहे हैं एक ऐसी शख्सियत को जिनका व्यक्तित्व और कृतित्व अद्भुत अकल्पनीय और अविश्वसनीय सा लगने लगता है जब उनका सफरनामा सुनते समझते हैं और फर्श से अर्श तक के दैदीप्यमान सफ़र के बावजूद सादगी जो सुनने समझने और देखने वाले को दीवाना बना देती है….
ऐसी ही दीवानगी लिए आज मेरी कलम बड़भागी लग रही है जो विराट व्यक्तित्व के जीवन के अंशमात्र पहलुओं को कलमबद्ध कर रहा हूं…..वो व्यक्तित्व है …. श्री प्रेम सिंह बाजोर..!!
सीकर जिले के निकटवर्ती ग्राम पंचायत बाजोर के एक सामान्य पृष्ठभूमि वाले राजपूत परिवार में जन्मे श्री प्रेम सिंह बाजोर का जीवन संघर्षमय बीता….. प्राथमिक विद्यालय तक पढ़ाई करने के उपरांत अपनी पारिवारिक हालात को ध्यान में रखकर ट्रक ड्राइवरी से अपनी जीविकोपार्जन करने लगे…
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पत्थर तोड़ते मजदूरों से लेकर सड़क किनारे लोगों की जीवनशैली को ठीक से महसूस किया…. यहां पत्थरों और ट्रक के चक्कों की जुगलबंदी और मेहनतकश इरादें के सहारे अपनी आजीविका से व्यवसाय तक इसी ओर बढ़ गए..
लोगों की तक़लीफों को करीब से महसूस किया तो जनसेवा का एक मंच तलाशती नज़रों के सामने वर्ष 1987 का ग्राम गणराज्य का चुनाव आया तो अपनी उम्मीदवारी यहां जताई … लोगों ने विश्वास जताते हुए अपनी ग्राम पंचायत के मुखिया की जिम्मेदारी दी जो युवा प्रेम सिंह बाजोर ने बखूबी निभाई …
1995 में पंचायती
राज के मध्यवर्ती स्तर पंचायत समिति सदस्य चुने गए और यहां भी पंचायत समिति मुखिया यानी प्रधान की जिम्मेदारी मिली जो बखूबी निभाई…अब लोगों के बीच जाना दुःख दर्द को बांटना जारी रखा … फिर पंचायती राज व्यवस्था की जिला स्तरीय यानी सर्वोच्च स्तर जिला परिषद चुनाव 2000 में अपनी उम्मीदवारी पेश की और जिला परिषद के उपाध्यक्ष चुने गए ….!!
आर्थिक स्थिति
अब आर्थिक स्थिति अपने खनन व्यवसाय व शराब व्यवसाय से ठीक हो चली थी ….तो लोगों के बीच एक चुम्बकीय आकर्षण भी प्राप्त कर चुके थे लिहाज़ा इन्होंने राज्य की शीर्ष पंचायत विधानसभा चुनाव 2003 में भारतीय जनता पार्टी के समक्ष पेश की … नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने के उपरांत चुनौती राजनीतिक धुरंधरों से थी थोड़ी चिंता भी थी …
विधायक
लेकिन जनसामान्य के बीच इस युवा चेहरे के व्यक्तित्व और कृतित्व की पहचान हो चुकी थी तो पहली बार विधायक चुने गए…. भाजपा की सरकार के साथ जुगलबंदी से विधायक प्रेमसिंह बाजोर ने राज्य मंत्री के रूप में जनसामान्य की आवाज़ को मजबूती दी…2008 के चुनाव में हार मिली लेकिन जनादेश का सम्मान करते हुए जनता के बीच अपनी उपस्थिति जारी रखी .
…2013 में पुनः नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए… सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं दी …!
अप्रैल 2017 से शहीदों के सम्मान के लिए अनुकरणीय अभियान अपने निजी ख़र्च पर चलाया जिसमें राज्य भर में करीब 1700 शहीदों के लिए करीब 50 करोड़ की धनराशि खर्च की … आपकी उदारता और सहानुभूति से लबरेज़ व्यक्तित्व के लिए किसी शायर की ये पंक्तियां सटीक बैठती है….
“फ़क़ीरों की सोहबत में बैठा कीजिए साहब
बादशाही का अन्दाज़ खुद-ब-खुद आ जाएगा !!”
अपनी व्यवसायिक गलियारों में हुई उन्नति से जो धनराशि अर्जित हुई उसपर कुंडली मारकर बैठने की बजाय सामाजिक आर्थिक सरोकारों में खर्च करना और लोगों के सम्मान में लौटाना आपकी आदत में आ चुका है..!!
व्यवसायिक
नेताओं जैसी न आपकी लच्छेदार भाषा है न ही झूठ पाखंड का लिबास …आपके पास है तो वह सादा जीवन उच्च विचार लिए जुबां का ख़रापन जो प्राण जाए पर वचन न जाई के मूलमंत्र पर टिका व्यक्तित्व और कृतित्व है जो दोनों एक ही है..!!
राजनीतिक अखाड़े में धुरंधरों के पसीने छुड़ाने वाला यह शख्सियत सीकर की राजनीति का चाणक्य बन गया है जो हालिया पंचायती राज चुनाव में अपनी पुत्रवधू गायत्री कंवर के जिला प्रमुख बनाने पर स्पष्ट नजर आई…. वहीं उद्यमिता में भी सेठ साहूकारों को परे बैठाने वाली सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज़ व्यावसायिकता है ..!!
राममंदिर
राममंदिर निर्माण के समय 1 करोड़ की धनराशि खर्च की ….जो आपकी आध्यात्मिक अभिरूचि को इंगित करता है तो वहीं मानवता के दुर्भिक्ष के रूप में फैली वैश्विक बिमारी कोरोना के कारण जहां मानव जीवन दूभर हो गया तो आपने उदारता से भरे हाथों को खुला रखा…..
अभी ऑक्सीजन की कमी के चलते ऑक्सीजन प्लांट स्थापना की बात आई तो आपने अपनी निजी संपत्ति में से 10 करोड़ रुपए राज्य भर में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के लिए दिए हैं जो अभिनंदनीय कदम है मानवता को समर्पित व्यक्तित्व की अमिट छाप है….
“अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम्
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्…!!”
आप संकीर्णताओं के दायरे में जी रहे धन कुबेरों के लिए एक चोट और मानवता को समर्पित लोगों के लिए एक प्रेरक व्यक्तित्व हो..!
आपकी सामाजिक सरोकारों को समर्पित राजनीति वाकई जनसेवा की मिसाल है…!!
आपके प्रति दीवानगी लिए…चुम्बकीय आकर्षण से लबरेज़ व्यक्तित्व से अभिप्रेरित… आपके शुभचिंतक आपके उत्तम स्वास्थ्य व उन्नत भविष्य की कामना करते हैं।
ध्यान दे अगर आप दुकानदार है या फिर आप किसी ऑफिस, मौल, वर्कशॉप के ऑनर है तो अपने शॉप पर अग्निसमन यंत्र यानि आग बुझाने का सिलेंडर जरुर रखे … इसमे सबसे बड़ी प्रोब्लम ये होती है की कहा से ख़रीदे, कैसे ख़रीदे …….तो इसका लिंक दिया गया जहा से आप इसे खरीद सकते हो
….✍️ मुकेश रणवाॅ