Bade sir, जीवन यात्रा | शिक्षा का शिरमोर श्रीमान बी एल रणवा
Bade sir, श्री बजरंग लाल रणवाॅ चैयरमेन, शेखावाटी शिक्षण संस्थान लोसल
हमें आप पर नाज है
Bade sir भिराणा गांव के एक किसान परिवार में वर्ष 1968 में श्री अमराराम जी रणवाॅ के घर पौत्र यानी श्री रामदेव सिंह रणवाॅ के ज्येष्ठ पुत्र का जन्म हुआ, लिहाजा खुशियों का माहौल था. पौत्र जन्म पर दादी जी का लाड़-प्यार पराकाष्ठा पर था क्योंकि उनके आंगन में चहचहाहटें पहले पौत्र के रूप में हो चुकी थी लिहाज़ा दादाजी की विशेष परवरिश ने एक सामान्य बालक में छत्रपति शिवाजी के समान संस्कार शामिल किए.
तो पिताजी श्री रामदेव सिंह रणवाॅ की उन्नत सोच व नवीन आयाम स्थापित करने के जज्बे ने उस बच्चे में एक डॉक्टर का रूप देखा तो शिक्षण संस्थानों की तलाश भी उसी तरीके की रखी …. तात्कालिक सर्वोत्तम विद्यालय कोठयारी स्कूल नेछवा के छात्रावास में कठोर अनुशासन के साथ विद्यालयी जीवन बिताया, बचपन की जिज्ञासु प्रवृत्ति अब कुशाग्रबुद्धि में तब्दील हो चुकी थी कि व्यक्तिगत प्रबंधन से सामाजिक ताना-बाना भी ठीक से समझ लिया था तो पिताजी के सपनों से थोड़ा सा हटकर
एक शुभ सुरुवात ….यह भी जाने …?
शायद नाम बजरंग था तो उसी के अनुरूप वज्रांग इरादे सीने में पल रहे थे
Bade sir नवीन आयाम स्थापित करने की जो वर्ष 1989 में ठानी तो शुरू में शायद अपनों ने ही विश्वास ठीक से नहीं किया…. परंतु धुन का धनी युवा सृजनशीलता और नवाचारों के बलबूते शेखावाटी शिक्षण संस्थान की नींव रखी जो आज ३दशकों में एक विशाल वटवृक्ष की भांति राज्यस्तर पर पहचान भी बना चुका है और विश्वास भी।।
Bade sir के सानिध्वय में, टवृक्ष का रूप ले चुकी शेखावाटी
इस दौरान 31 वर्षों में जहां हजारों विद्यार्थियों ने प्रशासनिक सेवाओं से लेकर सैन्य सेवाओं में अपना कैरियर संवार रहें हैं तो सैंकडों की संख्या में इंजीनियरिंग व चिकित्सा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं …. कुछ विशेष जिज्ञासु प्रवृत्ति के साधक वैज्ञानिक अनुसंधान , कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व उच्च प्रबंधन संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं जो निश्चित रूप से विद्यालय के साथ अपनों का गौरव बढ़ा रहे हैं।।
शौक बना मिशन तो लहलाह उठा सीकर “प्लांट बेबी”
आपके कठोर अनुशासन व शिक्षा संग संस्कार की थीम पर पले-बढ़े अपने आज व्यापार, राजनीति, उद्यम व अपनी जीविकोपार्जन में बेहतर जीवन जी रहे हैं जिसका श्रैय आपके उत्तम प्रबंधन लिए संस्थान को जाता है।
चूंकि आपका गांव मीठाराम बाबा की तपोस्थली भिराणा रहा है, लिहाज़ा संतों के तप से अपनों की गर्माहट महसूस कराती भिराणा की सौंधी महक लिए मिट्टी से अलग ही मुहब्बत रही है। होती भी क्यों नहीं आपके संस्कार में ….
” माता भूमि: पुत्रौ अहम पृथ्वी या: .”…….की थीम जन्म से ही समाहित थी । आपने अपने गांव के बुजुर्गों की कांपती धूजती उंगलियों से जो आशीर्वाद पाया और महसूस किया उसी का परिणाम रहा की आपके सपनों में अपनों से संबल मिला।
आपमें एक अनूठी सामाजिक समझ देखी गई कि आपने शिक्षा जगत में जो नाम व शोहरत पारी उसे गांव आते समय साथ नहीं लाए और गांव के सामान्य सभी रिश्तों व रीति रिवाजों को मानने व साधने वाला बजरंग का ही रूप रखा।
आपके मार्गदर्शन में गांव के सैंकड़ों नौनिहाल राजकीय सेवा में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत हैं जो निश्चित रूप से परिजनों के साथ गांव व हमारे शेखावाटी शिक्षण संस्थान के लिए गौरव का पल प्रदान करता है।।
आपने शिक्षा के मार्ग में आने वाली आर्थिक सामाजिक समस्याओें को समझते हुए गरीब घर के बालक को शिक्षण शुल्क में छूट से लेकर निशुल्क तक हरसंभव मदद की जिसमें भीराणा को प्राथमिकता के तौर पर रखा।
सामाजिक सरोकारों में रहे हमेशा साथ
इसी तरह आपने अभावग्रस्त लोगों को त्वरित सहायता के लिए हरसंभव मदद हरसमय की जिसका एक उदाहरण हाल ही में COVID-19 जनित लॉकडाऊन के दौरान जहां भोजन-वस्त्र परिवहन आदि के लिए सहायता लोसल क्षेत्र में की जिसके तहत भीराणा ग्राम पंचायत के अभावग्रस्त लोगों के लिए लगभग १८०राशन व आवश्यक सामग्री किट वितरण किए।।
आपने हाल ही में ग्रामवासियों से वृक्षारोपण करने के लिए एक व्यक्ति एक पेड़ की थीम का आह्वान किया वहीं मृत्यु भोज जैसी फिजूलखर्ची लिए कुरीति को समाप्त करने का संकल्प लेने की बात कही और उक्त फिजूलखर्ची वाले पैसे को शिक्षा,पोषण, स्वास्थ्य आदि पर खर्च करने की अपील की।
आप बुजुर्गों के बजरंग हो तो युवाओं के बड़े सर हो यानी आप हमारे मार्गदर्शक है ….आप हमारे गौरव है ……आपसे उम्मीदें भी ज्यादा है क्योंकि आपने हर बार हमारी उम्मीदों को पूरा किया है।
चूंकि आप सरीखे ब्रांड बन चुके व्यक्तित्व को कलमबद्ध नहीं किया जा सकता है फिर भी चंद अंशों को पेश किया गया है।।
कलमबद्ध:- मुकेश रणवाॅ
ध्यान दे अगर आप दुकानदार है या फिर आप किसी ऑफिस, मौल, वर्कशॉप के ऑनर है तो अपने शॉप पर अग्निसमन यंत्र यानि आग बुझाने का सिलेंडर जरुर रखे … इसमे सबसे बड़ी प्रोब्लम ये होती है की कहा से ख़रीदे, कैसे ख़रीदे …….तो इसका लिंक दिया गया जहा से आप इसे खरीद सकते हो
युवाओं के लिए प्रेरणादायक जीवन-चरित्र।