corona jeevi || कोरोना जीवी | केसे कोरोना में आपदा में अवसर खोज लेते है लोग
corona jeevi
विगत 15 महिनों में भारत सहित दुनिया के लगभग सभी देश एक वाइरस जनित वैश्विक आपदा के संकट को झेल रहें हैं वो हैं….कोरोना…!
जी हां चीन के ग्वांगझू से निकला एक वाइरस दुनिया के हरेक कोने तक पहुंच गया है और इक्कीसवीं सदी के वैज्ञानिक युग में जी रही मानवता को चुनौती पेश की….. यहीं से लोगों की शब्दावली में लॉक डाउन, क्वारनटाइन, सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे दर्जन भर शब्द जुबां पर आ गये …… लोगों की सरपट दौड़ती जिंदगी की गाड़ी बंदिशों के घेरे में गिरफ्त में आ गई…..
जिसके पास बातचीत के लिए भी वक़्त नहीं हुआ करता था वह चारदीवारी में कैद होकर लाचारी भरे भाव से कभी सरकार को तो कभी लोगों को तो कभी स्वयं को कोसता है….याचना भरी नजरें कभी आशा कभी निराशा के भाव से ऊपर नीचे होती रहती है….
शैक्षणिक, आर्थिक सामाजिक
कभी वह आकलन करता है तो शैक्षणिक, आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक गतिशीलता में आये ठहराव का हिसाब किताब लगाता है तो अपना माथा पकड़ लेता है .. मौसम के साथ बदलते कोरोना संक्रमण के मामलों के चलते सरकारी बंदिशों में भविष्य की प्लानिंग चोपट हो जाती है ..!!
सत्ता पर काबिज राजनीतिक दलों के पास भी असीमित चुनौतियां आ खड़ी हुई है जहां चुनाव पूर्व किए गए तमाम वादे बंद बैग में मुंह बाए पड़े हैं… यही हाल करीब करीब अधिकांश व्यवसायिक गलियारों में देखने को मिलता है जहां उनकी गतिशीलता में एक ठहराव आ गया है..!!
इसी बीच एक वर्ग जो आपदा में अवसर तलाशता है वह वक्त की नज़ाकत को पहचानते हुए आ खड़ा हुआ …..वह है…. “कोरोनाजीवी वर्ग”
जी हां…..कोरोनाजीवी वर्ग …यह एक ऐसा वर्ग है जो हमेशा अपने मुनाफे के लिए समर्पित रहता है इनके लिए यह आपदा अवसर बनकर आई…जो भ्रष्टाचार, मुनाफाखोरी और कालाबाजारी के सहारे लाचार और बेबस जनता से विभिन्न अवसरों पर लूट-खसोट के जरिए अपनी आमदनी को की गुणा बढ़ा लिया…..!
आखिर ये कोरोनाजीवी वर्ग कौन है…??
कोरोना जीवी का पहला समूह वह है जो लोगों की रोज़मर्रा की आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन से अंतिम विक्रेता तक की एक लम्बी फेहरिस्त जो बाजार में अपनी इच्छानुसार वस्तुओं को वितरण किया और लोगों तक पहुंचते पहुंचते वस्तु की सामान्य औसत कीमत से दुगूनी से लेकर कई गुनी कर दी…अपनी बैंकों में कुछ शून्य बढ़ाने के लिए लोगों को शून्य पर ला दिया … अपनी तिजोरियों को भरने के दौरान लोगों की जेबें खाली कर दी…..!!
दूसरा समूह उस कोरोना जीवी वर्ग का है जिसमें भगवान के रूप में काम कर रही चिकित्सा प्रणाली के लोग जो फार्मास्युटिकल कंपनी से लेकर दवाई की दुकान तक और अस्पताल के प्रबंधन से लेकर अस्पतालों के इर्द-गिर्द घूमते लपकों की जमात जो कमीशनखोरी पर काम करती है…
फार्मास्युटिकल कंपनियों ने जहां दवाईयों की कीमतें मनमाने तरीके से तय की जहां एक उदाहरण के तौर पर रेमेडेसीयर जैसी एंटी वायरस दवा की कीमत 900 रूपए से लेकर 5000 पार तक तय की जिसमें साल्ट समान है ….
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नक़ली दवाईयों के उत्पादन
दवा की किल्लत ने लपकों और दलालों के चांदी कर दी यही दवा कई गुनी कीमतों के साथ ब्लेक में 30 हजार से 50 हजार तक बिक गई…… वहीं सेनेटाइजर और मास्क जैसी बेहद आवश्यक वस्तुओं के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ…..इसी वर्ग के इर्द-गिर्द घूमता एक वर्ग वह मिला जो नक़ली दवाईयों के उत्पादन से लेकर अंतिम उपयोग तक एक चेन बनाकर काम करता है वह सबसे घातक नजर आता है…!!
अस्पतालों में प्रबंधन समिति के लोगों ने बैड से लेकर ऑक्सीजन और प्लाज्मा के सभी स्तरों पर अपनी गिद्ध दृष्टि रखी …. जहां सामान्य दिनों में मिलने वाला 500-1500 रूपए प्रतिदिन वाला बैड मनमर्जी के रूप में 10-20 हजार से 70-80 हजार रुपए प्रतिदिन तक पहुंच गया……..
वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर जो 800-900 रूपए प्रति यूनिट मिलने वाला सिलेंडर 8-10 हजार रुपए तक पहुंच गया ……कोविड एंटीबॉडीज लिए प्लाज्मा जो प्रायः निःशुल्क से लेकर जांच आदि के चार्ज सहित 1000-1500 वाला प्लाज्मा 35 से 50 हजार रुपए तक पहुंच गया जिसमें अस्पताल प्रबंधन से लपको तक की एक बड़ी जमात संलग्न नजर आती है….!!
कोरोनाजीवी
वहीं पुलिस और प्रशासन भी कहां पीछे रहने वाला था सरकारी गाइडलाइंस की अनुपालना और उलंघन का संतुलन बनाने के दौरान कुछ कार्यवाहियां जो आमजन में खौफ और अनुशासन व सरकारी रिकॉर्ड को दूरस्त करने में की तो बाकी का खेल तो भ्रष्टाचार युक्त आचरण लिए अपनी और उच्चाधिकारियों सहित राजनीतिक आकाओं की जेब भरने में एक तंत्र के रूप में काम किया…. जिसमें मास्क लगाने से लेकर निषिद्ध कृत्यों को संरक्षण देने तक का सब काम शामिल हैं साथ ही शादी समारोहों मे अवैध वसूली का एक बड़ा खेल चला….जो अनवरत जारी है..!!
खैर यहां एक शब्द कोरोनाजीवी को समझाने के लिए इतनी व्याख्या करनी पड़ी … वैसे इन सभी स्थानों और क्षेत्रों में हजारों हजार लोग हैं जिन्होंने अपने अभूतपूर्व योगदान से मानवता को बचाने के लिए अनुकरणीय उदाहरण पेश किए हैं….!!
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज़ मानवतावादी लोग इन कोरोनाजीवी वर्ग की पहचान से लेकर उन्मूलन तक का सफर तय करें … राष्ट्रीय आपदा के समय अपना श्रेष्ठतम योगदान दें..!!
ध्यान दे अगर आप दुकानदार है या फिर आप किसी ऑफिस, मौल, वर्कशॉप के ऑनर है तो अपने शॉप पर अग्निसमन यंत्र यानि आग बुझाने का सिलेंडर जरुर रखे … इसमे सबसे बड़ी प्रोब्लम ये होती है की कहा से ख़रीदे, कैसे ख़रीदे …….तो इसका लिंक दिया गया जहा से आप इसे खरीद सकते हो
…✍? मुकेश रणवाॅ
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