आइए प्लाज्मा डोनर || plasma donor बने कोरोना को हराएं
ऑक्सीजन, प्लाज्मा थेरेपी, दवाएं… उपचार की प्रक्रिया के घटक है।।
plasma donor covid 19 की वर्तमान लहर ज्यादा ख़तरनाक हो चुकी है …. गांव ढाणियों में दस्तक दे चुकी है… जहां अज्ञानता वश व लापरवाही पूर्वक व्यवहार के चलते कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति में ला दिया है…!!
श्वसन प्रणाली को बाधित करने वाली यह खतरनाक बिमारी लोगों के प्राणों को छीन रही है … जिसमें सर्वोत्तम तो यह है कि बचाव किया जाए कि संक्रमण न हो …. फिर भी कारण अकारण यदि यह हो चुका है तो धैर्यपूर्वक उपचार की प्रणाली को समझते हुए सहकारिता भाव से मानवता को बचाने के लिए सामूहिक प्रयासों पर चलना होगा…..!!
सामुहिक प्रयास कैसे करे ..? plasma dono
सबसे पहले तो संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट यानी अन्य सदस्यों से दूर रखना होगा ताकि संक्रमण को अन्य लोगों तक पहुंचने से रोका जा सके…!!
संक्रमित व्यक्ति का “RT PCR Test” यानी कोरोना जांच कन्फर्म करवाना, ताकि आगे की रणनीति बनाई जा सकें…..
अपने फैमिली डॉक्टर या नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लेकर सिंप्टेमेटिक उपचार लेना….
सांस लेने में दिक्कत होने पर प्रोन वेंटिलेशन (एक विधि जिससे घर बैठे ऑक्सीजन लेवल बढ़ाया जा सके) करना…
अधिक दिक्कत होने पर नजदीकी Covid centre जाकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करना…!!
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अस्पताल पहुंचने पर मुख्यतया तीन चरणों पर काम किया जाता है जिसमें CT scan की सहायता से फैफडों में संक्रमण की स्थिति का ठीक से जायज़ा लेना ताकि कृत्रिम ऑक्सीजन सप्लाई से श्वसन प्रक्रिया को सुचारू किया जा सके … सिस्टेमेटिक उपचार के जरिए तकलीफों पर काम करना….रेमेडीसीवर इंजेक्शन लगाने की सिफारिश करना….. प्लाज्मा थेरेपी उपचार करना जिससे उपचारित होने मे तीव्रता लाई जा सके….!!
प्लाज्मा थेरेपी क्या है…??
प्लाज्मा थेरेपी मूलतः कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी कहलाती है जिसमें कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति की बॉडी में इंजेक्शन की मदद से इंजेक्ट किया जाता है। यह इसलिए किया जाता है कि” कोविड-19″ से ठीक हो चुके व्यक्ति में एंटीबॉडीज बन चुके होते हैं जो रक्त के तरल पदार्थ यानी प्लाज्मा में विद्यमान होते हैं जो दूसरे संक्रमित व्यक्ति के लिए भी मददगार हो सकते हैं।….plasma dono
यह प्लाज्मा थेरेपी COVID-19 संक्रमित व्यक्ति को इस गंभीर बिमारी से उबरने में मदद करती है यह मूलतः बिमार व्यक्ति के ठीक होने की अवधि को कम करती है जो निश्चित रूप से उपचार की प्रक्रिया को तेज करती है
प्लाज्मा थेरेपी में plasma dono कौन हो सकता है
वे जो लोग कोरोनो संक्रमण से उबर चुके हैं, वे ठीक होने के २-३ सप्ताह बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं..!!
प्लाज्मा डोनर की कोरोना रिपोर्ट यानी “RT PCR test नेगेटिव” होनी चाहिए जो डोनेशन के समय जांच ली जाती है..।
18 से 60 आयुवर्ग का स्वस्थ व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट कर सकता हैं..।
50 किलो से अधिक वज़न वाला शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ब्लड दे सकता हैं जिससे प्लाज्मा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके..!!
विगत दिनों में लोगों ने मानवता को बचाने के लिए ऑक्सीजन प्लांट स्थापना में सीकर जिले में करीब 3 करोड़ की राशि चंद घंटों में जुटा ली जो निश्चित रूप से सराहनीय कदम साबित होगा…. सांवली कोविड सेंटर में ऐसा प्लांट स्थापित होगा जो ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा वही दूसरे प्लांट की स्थापना में भी लोगों ने जन आन्दोलन के रूप में लिया है…..!!
एक जन आंदोलन इस ओर भी चलाना होगा कि कोविड से संक्रमित व्यक्ति जो ठीक हो चुके हैं वे अधिकाधिक संख्या में प्लाज्मा डोनर बने ताकि शीघ्रता से रिकवरी रेट बढ़ा सकें…. व रिकवरी समय कम कर सके …यह मानवता को बचाने के लिए वर्तमान समय में बहुत नेक काम साबित होगा..!!
एक उदाहरण के रूप
…. राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी “जयप्रकाश चौधरी (पूर्व ADM-सीकर)” ने विगत दिनों दो यूनिट प्लाज्मा डोनेट किया है जो दो जिंदगियां बचाने में सहायक सिद्ध होगा… ऐसे ही अनेकों लोग और समाजसेवी संस्थाएं कार्य कर रहे हैं..!!
आइए राष्ट्रीय आपदा के इस समय में हम अपने व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों से कोरोना की बढ़ती चेन तोड़े….!!
ध्यान दे अगर आप दुकानदार है या फिर आप किसी ऑफिस, मौल, वर्कशॉप के ऑनर है तो अपने शॉप पर अग्निसमन यंत्र यानि आग बुझाने का सिलेंडर जरुर रखे … इसमे सबसे बड़ी प्रोब्लम ये होती है की कहा से ख़रीदे, कैसे ख़रीदे …….तो इसका लिंक दिया गया जहा से आप इसे खरीद सकते हो
घर पर रहें……मास्क लगाएं….दो गज दूरी की अनुपालना करें…!!
स्वस्थ रहें… मस्त रहें….. सतर्क रहें..!!
…… ✍? मुकेश रणवाॅ