डॉ जैन के अनुसार देश में फिलहाल करीब 80 लाख ट्रैक्टर है 30 हॉर्स पावर से कम के ट्रैक्टरों द्वारा हर साल करीब 46 लाख टन खतरनाक कार्बन डाइऑक्साइड गैस का विसर्जन होता है
यदि डीजल इंजन की जगह बैटरी से चलने वाले ट्रैक्टरों को अपनाया जाए तो बड़े पैमाने पर प्रदूषण को कम किया जा सकता है